किसी भी टीकाकरण में अपने बच्चे को ना भेजें


Image may contain: 9 people


दुखद: MR टीके से मृत्यु
*****************
पीलीभीत। मिजिल्स रुबैला का टीका लगने से एक स्कूली छात्रा की हालत बिगड़ी,
परिजनों ने जिला अस्पताल में कराया भर्ती,
इलाज के दौरान छात्रा की मौत,
परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप,
छावनी में तब्दील हुआ जिला अस्पताल,सिटी मजिस्ट्रेट मौजूद,
शहर के सेंट एलॉयसिस स्कूल का मामला।
****************************
Lecture Video :
https://youtu.be/G8EY34eAw5U
न्यूज़ वीडियो :
**********************************
*यह पोस्ट आपके छोटे-छोटे बच्चों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य से जुड़ी हुई है इसलिए इसे पूरा अंत तक पढ़े * अंत में इस पोस्ट में बताई गई समस्या का समाधान भी बताया गया है
आज भारत देश में एक बहुत बड़े पैमाने पर अलग अलग वैक्सीनेशन (टीकाकरण) का प्रोग्राम चलाया जा रहा है इस समय Measles Rubella (MR) Vaccine के नाम पर भारत में ऐसा ही एक और षडयंत्र चलाया जा रहा है यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम भारतीय सरकार पर दबाव डालकर चलाए गए थे USA की सरकार द्वारा जिसकी एमएनसी कंपनियां इन कार्यक्रमों को फंड करती हैं हो सकता है आपके बच्चे के स्कूल या आपके नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अथवा सरकारी अस्पताल में ये वैक्सिनेशन हो चुका हो या होने वाला हो या कोई आशा बहन अथवा अन्य कार्यकर्ता आपके घर पर आये हों
यूएसए ने भारत में पहले भी अनेकों ऐसे कार्य कराए हैं सरकार पर दबाव बनाकर जैसे Cannabis (भांग) को अवैध या इलीगल घोषित करना क्योंकि उसके औषधीय गुण बहुत अधिक हैं भारत में पश्चिमीकरण को बढ़ावा देने और यहां की संस्कृति को खत्म करने के लिये 1991 में भारतीय सरकार को कर्ज के बदले ऐसी नीतियां बनानी पड़ी जो आज भी हमें पीड़ा दे रही हैं यूएसए हमेशा से हमारे कार्य में हस्तक्षेप करता रहा है और वह आपके बच्चों की रोगों से लड़ने की क्षमता (Immune Power) को खत्म करने तथा उन्हें मंदबुद्धि, नपुंसक और बीमार बनाने के लिए WHO के माध्यम से समय समय पर अलग अलग तरह के वैक्सिनेशन भारत तथा दुनिया के अन्य कई गरीब देशों में करवाता रहता है
भारत में एमआर वैक्सीन बनाने वाले इंस्टीट्यूट का नाम है सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जिसमें बिल गेट्स सीधे रूप से अपना पैसा लगाता है जिस प्रकार पोलियो में उसने लगाया था पूरी दुनिया में यह वैक्सीन सप्लाई करने वाला यही एक अकेला इंस्टीट्यूट है जो भारत में स्थित है जब भी बिल गेट्स या कोई भी ईसाई या यहूदी एजेंट भारत आता है तो वह इस इंस्टीट्यूट में जरूर जाता है बिलगेट्स खुद भी ईसाई और एक अमेरिकी (USA) नागरिक है
यह समझने वाली बात है कि जिस प्रकार पोलियो का वैक्सीन घर-घर सरकार ने भिजवाकर पिलाया है ऐसे इन्होंने कभी किसी को रोटी नहीं दी हर गरीब को घर घर जाकर अगर रोटी देते तो भारत से कुपोषण, गरीबी और भुखमरी खत्म हो चुकी होती जबकि भारत में हर दिन सैकडों बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं वहीं किसी वायरस से शायद ही कोई मरता है परंतु ऐसी स्कीम से यूएसए को कोई फायदा नहीं क्योंकी उनकी कोई कंपनी यह कार्य नहीं करती इन्हें तो आपकी तथा आपके बच्चों की रोगों से लड़ने की क्षमता (Immune Power) को खत्म करके तथा उन्हें मंदबुद्धि, नपुंसक और बीमार बनाके अपनी दवाएं बेचनी हैं तथा भारत और पूरी दुनिया में गैर ईसाई लोगों की जनसंख्या कम करनी है *लायंस क्लब इंटरनेशनल और रोटरी इंटरनेशनल* का नाम तो आपने सुना ही होगा इन दोनों संस्थाओं का मुख्य कार्य भी इसी प्रकार के देश और धर्म विरोधी षणयंत्रो को आगे बढ़ाना है बाकी लोगों दिखाने और भरमाने के लिए ये कुछ अलग सेवा कार्य भी करते रहते हैं यह दोनों संस्थाएं भी अमेरिका (USA) के एक ही राज्य Illinois की हैं भारत में इन संस्थाओं के सैकड़ो केंद्र और हजारों मेम्बर हैं यह दोनों संस्थाएं हर वर्ष भारत से करोड़ो की राशि दान के रूप में इकठ्ठा करती हैं किंतु इस दान का कितना हिस्सा भारत में और कितना भारत के बाहर तथा किन कार्यों में खर्च होता है इसकी कोई भी जानकारी ये संस्थाएं नहीं देती
नई नई एक्सपेरिमेंट करने के लिए यूएसए हमेशा से अपनी दवाई भारत के लोगों पर लैब के चूहों की तरह उन पर प्रयोग करता रहा है अधिक जनसंख्या होने के कारण यहां पर सभी दवाइयों का टेस्ट किया जाता है और मृत्यु पर किसी का ध्यान भी नहीं जाता एमआर का वैक्सीन अमेरिका यूरोप या किसी भी अमीर देश में नहीं लगाया जाता जबकि वहां ठंडा वातावरण होने के कारण ऐसी संक्रमित रोग फैलने की ज्यादा चांस है। कोई भी वायरस 27 से ज्यादा तापमान में जीवित नहीं रह सकता भारत में आपको हर दिन पूरे साल सूरज का प्रकाश मिलता है तापमान 45 से 50 तक चला जाता है जिसमें खतरनाक से खतरनाक वायरस भी जिंदा नहीं रह सकता आदिकाल से ही हमारे बच्चे धूल मिट्टी में खेलते आए हैं और उन्हें कभी कोई रोग नहीं हुआ परंतु आज यह लोग अखबार टीवी के माध्यम से उल्टा समझाना चाहते हैं इसलिए इतना पैसा इसके प्रचार और प्रसार में लग रहा है
भारत में यह कहा जाता है कि पोलियो के अब कोई नये केस नहीं है और भारत पोलियो मुक्त हो चुका है किन्तु फिर भी पोलियो का वैक्सिनेशन चालू है सरकार यह कभी नहीं बताती कि आज भी देश में 6 लाख केस ऐसे हैं जिन्हें पोलियो वैक्सीन पिलाने के बाद पोलियो का संक्रमण हुआ, क्यों हुआ कैसे हुआ कोई नहीं बताता दरअसल किसी भी वायरस से बचाने वाले जितने भी वैक्सीन होते हैं उन सभी में वही वायरस होता है बस वो मृत अवस्था(सुप्तावस्था) में होता है और वही बच्चों को पिलाया जाता है शरीर में जाने के बाद ये अक्सर वायरस सक्रिय हो जाते हैं जिससे वैक्सीन लेने वाला बच्चा ही उस की चपेट में जाता है और जिसने नहीं लिया वो सुरक्षित रहता है भारत में देशी गौमाता के दूध और विभिन्न आयुर्वेदिक घरेलू औषधियों के सेवन के कारण बच्चे अनेकों रोगों से वैसे ही बचे रहते हैं *दुनिया के 50 से ज्यादा इस्लामिक देशों में तो कोई भी वैक्सीन नहीं लगाई जाती क्योंकि उनका कहना है कि इनमें सूअर की चर्बी का इस्तेमाल होता है जबकि ऐसा कुछ नहीं है सत्य यह है कि किसी भी वैक्सीन को लगवाने से नपुंसकता आती है इसलिए वो कोई भी वैक्सीन अपने बच्चों को नहीं लगवाते भारत में भी ज्यादातर मुसलमान कोई भी वैक्सीन अपने बच्चों को नहीं लगवाते * आप स्वयं देख लें आज दस में से दो तीन परिवार ऐसे मिल जाएंगे जिनके घर में कोई बच्चे नहीं है और ये समस्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है
यदि आपका बच्चा रोज धूप में खेलता है, पोष्टिक भोजन और मौसमी फल एवं सब्जियां खाता है, देशी गाय के दूध या उससे बने दही छाछ घी आदि का सेवन करता है तो उसे किसी भी प्रकार के टीकाकरण की जरूरत नहीं है इसके अतिरिक्त *बच्चों के शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता (Immune Power) बढ़ाने के लिए यदि आप अपने बच्चों को समय समय पर तुलसी और गिलोय का काढ़ा पिलायें, चूने और आंवले का सेवन करायें, शहद चटायें, बच्चों को बाजार के पिजर्वेटिव और अजीनोमोटो (MSG) जैसे जहर मिलाए हुए सभी जंकफूड, मैगी, पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, ब्रेड, पावरोटी और पैक तथा सीलबंद खाद्य पदार्थों से दूर रखें* तो दुनिया का कोई भी वायरस उन्हें छू नहीं सकता तथा अन्य रोगों से भी वे सदा दूर रहेंगे क्योकिं ऐसा करने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता (Immune Power) बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जिससे कोई भी वायरस या रोग उनके शरीर में प्रवेश नहीं कर सकता यदि आपने अज्ञानतावश और जानकारी के अभाव में अपने बच्चों को कोई वैक्सीन(टीका) दे भी दिया है तो ये सारे उपाय करने और सावधानियां रखने से आप अपने बच्चे को उससे होने वाले दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं
काढ़ा बनाने के लिये तुलसी के 10-15 पत्ते एक ग्लास पानी और थोड़ा देशी गुड़ या मिश्री (खड़ीसाखर) लें पानी आधा होने तक उबालें और छानकर पिलायें महीनें में कम से कम 4-5 दिन इसी प्रकार एक छोटा चम्मच गिलोय पॉवडर एक ग्लास पानी और थोड़ा देशी गुड़ या मिश्री (खड़ीसाखर) लें पानी आधा होने तक उबालें और छानकर पिलायें महीनें में कम से कम 4-5 दिन सुबह खाली पेट दें तो ज्यादा अच्छा गिलोय पॉवडर को सीधे देशीगुड़ या शहद में मसलकर मिलाकर भी खिला सकते हैं एक साल से ज्यादा आयु के बच्चों को हर दिन गेंहू के दाने की आधी मात्रा के बराबर पान में खाने वाला चूना आधे ग्लास पानी या किसी भी फल के जूस में मिलाकर पिलायें सुबह के समय लगातार 2 महीने तक उसके बाद 3-4 महीने के लिए बंद करके वापस 2 महीने दें इसी प्रकार हर 3-4 महीने के अंतराल पर चूने का सेवन कराते रहें आंवले का मुरब्बा या कैंडी बनाकर खिलाएं या एक छोटे चम्मच आंवले के पावडर को सुबह खाली पेट गुड़ या शहद में मसलकर मिलाकर खिलायें अथवा पानी में मिलाकर पिलायें
आपके बच्चे के स्कूल में होने वाले किसी भी टीकाकरण में अपने बच्चे को ना भेजें ना ही कोई फार्म साइन करके दें यदि स्कूल वाले दबाव डालें तो उन्हें कहें कि आप अपने लेटरहेड पर लिखकर दें कि यदि बच्चे को कुछ भी हुआ तो उसकी जिम्मेदारी आपकी, तभी हम यह टीका लगवाएंगे वह कभी भी लिखकर नहीं देगा आपके नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अथवा सरकारी अस्पताल में कोई वैक्सिनेशन होने वाला हो तो वहां भी ना जाएं और यदि कोई दबाव डाले तो उनसे भी बच्चे के स्वास्थ्य की गारंटी लेने के लिए बोलें कोई आशा बहन अथवा अन्य कार्यकर्ता आपके घर पर टीकाकरण के लिए आयें तो उन्हें भी मना कर दें चाहे वो MR का टीका हो, पोलियो का हो, हेपेटायसिस का हो, मिशन इंद्रधनुष के सात टीके हों या अन्य कोई भी क्योकिं सभी टीकों के साइडइफेक्ट लगभग एक जैसे ही हैं
इस षणयंत्र के बारे में आप और तथ्य खोजेगें तो बहुत कुछ मिल जाएगा Youtube पर राजीव दीक्षित जी के व्याख्यान पोलियो के ऊपर सुनें इसी विषय पर Consumers Association of Penang(CAP), Malaysia द्वारा लिखित पुस्तक Hidden Dangers in Vaccines पढ़े तो आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी इस पुस्तक का पीडीएफ लिंक नीचे दिया गया है। https://goo.gl/I34cDQ
आपके बच्चों की सुरक्षा आपके हाथों में है और इसके लिए आपको ही लड़ना पड़ेगा किसी नेता या सरकार के भरोसे ना रहें इन नेताओं को यहां तक कि इस विषय से जुड़े मंत्रालय और मिनिस्ट्री में बैठे नेताओं को भी नहीं पता कि विदेशों से मंगाकर जो वैक्सीन भारत में बच्चों को दी जा रही है उसमें क्या है तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पांडिचेरी, कर्नाटक आदि में लोगों ने इसका विरोध किया और वहां पर कई स्कूलों ने भी मना कर दिया क्योंकि माता पिता ने एक भी बच्चा उस दिन स्कूल नहीं भेजा, आप भी ऐसा ही करें
अपने बच्चो के भविष्य से जुड़े इस आंदोलन का हिस्सा बने। व्यक्तिगत स्तर पर किसी भी सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम का असहयोग एवं बहिष्कार करें।
यदि आप टीकाकारण विरुद्ध है तो इस आंदोलन में भाग लेने हेतु No Vaccine लिखकर मेरे नंबर पर SMS भेजे।
- वीरेंद्र सिंह
9212435203
जानकारी गोधूली परिवार द्वारा जन एवं राष्ट्रहित में जारी